भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी के लिए राहत की खबर है। बहुजन समाज पार्टी ने एलान किया है कि वह उपचुनाव में सभी 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
बहुजन समाज पार्टी के इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी को बड़ी राहत मिल सकती है। अहम कारण है कि बसपा के मैदान में आने से अधिकांश सीटों पर बीजेपी -कांग्रेस के आमने सामने का चुनाव न होकर त्रिकोणीय हो जायेगा। जिसका बड़ा लाभ बीजेपी को मिलेगा।
जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है उनमे एक दर्जन से अधिक सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति बाहुल्य वाली है। ऐसे में बसपा यदि अपने उम्मीदवार खड़े करती है तो इससे सेकुलर वोटों का विभाजन होगा और दलित पिछड़े मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा कांग्रेस से कटकर बसपा में चला जाएगा। जानकारों की माने तो उपचुनाव में ग्वालियर चंबल की 16 सीटों पर बीएसपी का बड़ा रोल होगा।
बीएसपी के उपचुनाव में उतरने के ऐलान के बाद प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि बीएसपी का चुनाव लड़ने का फैसला, उनकी पार्टी का फैसला है लेकिन यदि बीएसपी चुनाव मैदान में उतरती है तो सबको पता है कि हाथी की चाल में कौन रौंदा जाएगा।
बहुजन समाज पार्टी की तरफ से गुरुवार को एक बयान में कहा गया है कि पार्टी सभी 24 विधानसभा सीटों के उपचुनाव अपने बूते पर लड़ेगी। पार्टी उपचुनाव में किसी भी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं करेगी।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती की सहमति के बाद एमपी बीएसपी के अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने बयान जारी कर कहा कि पार्टी 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अगले हफ्ते से दावेदारों के आवेदन लेने का काम शुरू करेगी। आवेदनों के बाद चयनित उम्मीदवारों के नाम का पैनल पार्टी अध्यक्ष मायावती को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उसके बाद पार्टी सभी 24 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान करेगी।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने दो सीटें जीती थी लेकिन कई सीटों पर वो दूसरे या तीसरे नंबर पर रही थी। दमोह के पथरिया सीट पर पार्टी की उम्मीदवार राम बाई ने जीत हासिल की थी। वहीं भिंड से संजीव सिंह कुशवाहा जीत हासिल कर विधायक बने गए थे।
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