लखनऊ ब्यूरो। पूर्व केबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को आज हाईकोर्ट से उस समय बड़ा झटका लगा जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी ज़मानत अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया।
रामपुर से सांसद आजम खान को अब तक 86 मामलों में जमानत मिल चुकी है। हाई कोर्ट के दो और जिला कोर्ट रामपुर के 2 मुकदमों में जमानत मिलनी बाकी है। इससे पहले 19 नवंबर को उच्च न्यायालय ने आज़म खान की ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ज़मानत पर फैसला सुरक्षित रखा था।
इलाहबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आज फैसला सुनाते हुए आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म की ज़मानत अर्ज़ी को अस्वीकार करने का फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि रामपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा करने के साथ वक्फ की संपत्ति जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करने और बेटे का फर्जी आयु प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में आजम खां जेल में बंद हैं। उनके साथ उनकी विधायक पत्नी और पूर्व विधायक बेटा अब्दुल्ला आज़म भी जेल में हैं।
उनके खिलाफ रामपुर के भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इससे पहले आज़म खान को ज़मींन कब्ज़ा करने के तीन मामलो में भी ज़मानत मिल चुकी है।
समाजवादी पार्टी सांसद आज़म खान पर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए ज़मीनो पर जबरन कब्ज़ा करने का आरोप लगाते हुए 27 किसानो ने मामला दर्ज कराया था। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें भू माफिया घोषित कर दिया था। वहीँ यतीमखाना प्रकरण में भी आज़म खान के खिलाफ लूटपाट और मकान तोड़ने के आरोप में भी दर्जन भर मुकदमे दर्ज हुए।
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